New: urduwritingAll contentburnbotkrblurtzzanactifitgamesvideoinstablurtcurationburnpostchristmasr2cornellblurtgermanblogbeblurtblurthispanoblurtindialifeblurtblockphotographyHotTrendingNewDAppsnusratr in powerclub • 7 months agoएक मुसलमान का दूसरे मुसलमान पर पांच हक है ।अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हु से मर्वी है,की अल्लाह के रसूल सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया: एक मुसलमान के दूसरे मुसलमान पर पांच हक है। (1) सलाम का जवाब देना। (2) बीमारी की इयादत करना। (3)…nusratr in powerclub • 7 months agoजिक्र इलाही ।अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम काला: (सबकाल मुफर्रदुन )कालू: वामल मुफर्रदून, या रसुल्लाह ? काला : (अज़्ज़ा किरुनल्लहा , वज़्ज़ा किरातू ) रावाहू मुस्लिम…nusratr in powerclub • 7 months agoअपने भाई को काफिर नही कहना चाहिये।अनअबि हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम काला: इजा कालार्र्जु ली आख़िहि या काफिरू,फकाद बा आ बिहि अहदु हुमा (रावाहुल बुखारि) अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हु से रवायत है,की…nusratr in powerclub • 8 months agoअल्लाह ताला को गैरत कब होती है।अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्ल्हू अलैहि वसल्लम काला: इन्नाल्लहा यगारु,वा गैरतुल्लाहि आंय यतियाल मोमिनु मा हर्रमल्लाहु मुत्ताफकून आलै अबू हुरैरा रजि अल्लाहु अन्हु से…nusratr in powerclub • 8 months agoशरई इल्म सिखाने मे आवाज़ बुलंद की जा सकती है ।अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कला : वायलून लीलअकबि मीन्नार (मुत्ताफकून आलै ) अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हु से रवायत है की, अल्लाह के रसूल सल्ल्लल्लाहु अलैहि…nusratr in powerclub • 8 months agoअपने नफ़्स को कंट्रोल मे रखनी चाहिये।अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम कला: हुजिबातिन्नारू बिश्हावति वा हुजिबातील जन्ना बिलमकरिहि मत्ताफकुन आलै अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हु से रवायत है,की अल्लाह…nusratr in powerclub • 8 months agoसुब्हान्ल्लाह की फजीलत ।सैयदना मुसाआब बिन साआद रजी अल्लाहु अन्हु अपने बाप से रवायत करते हुये बयान करते हैं।की रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने साथ रहने वालों से फरमाया,क्या तुम मे से कोई अपने आप को तैयार कर सकता…nusratr in powerclub • 8 months agoतौहीद।गुजारे तिन साल इस रंग से ईमान वालों दिखा दी शाने ईन्तेक्लाल अपनी आँ वालों ने तौहिद के लगवी मना एक जन्ना - शरियत मे तौहिद कहते हैं अल्लाह ताला तो एक जन्ना - एक मन्ना और सिर्फ उसी की इबादत करना…nusratr in powerclub • 8 months agoशोहार बीबी के हुकूक।इसलाम ने जो हुकूक वा जिबात एक दूसरे के लिए बताये ह,जिन की सही नहज पार आदायेगी के लिए उभरा है।इनही हुकूक वा जिबात मे से खाविंद और बीबी के हुकूक भी है। हमारे मुआशरे मे हुकूक के सिलसिले में ये एक…nusratr in powerclub • 8 months agoमाहे मोहर्रम और नमाजे तहज्जुद की फैजिलत।अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम काला: अफजलूस सियामू बदा रामाजाना शहरुल्लाहिल मुहर्रमु ,वा अफजलूस सलाते बदल फरिजाते,सलातुल - लैल रावाहू मुस्लिम अबू हुरैरा…nusratr in powerclub • 8 months agoचाहे खुशी मिले या गम मुसलमान हर हाल मे फायदे मे होता है।अन आबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु आलैहि व सल्ल्म् कला: मा युसीबूल मुस्लिमु मिन नसबीन वाला वसबीन वाला हम्मन- ला हाजनिन वाला अजा वाला गम्मन हत्तासशओ कता युशाकहा,इल्ला…nusratr in powerclub • 8 months agoअच्छी और बुरी तकदीर पर ईमान लाना।अच्छे और बुरे तकदीर पर ईमान रखने का मतलब ये है,की अल्लाह ताला ने तमाम कायेंनात की अच्छी और बुरी तकदीर पैदा होने से पहले ही लिख दिया है। इसलिए जीस शख्स के साथ कीसी भी चीज मे आसानी हो, या अच्छा हो…nusratr in powerclub • 8 months agoइंसानों का दुनिया में आने का असल मकसद।हमलोगों का दुनिया मे आने का मकसद ये नही है की, सिर्फ खाये,पिये,मजे से ऐश करे,अपने बिजस्नेस,और फैमली पर सिर्फ फोकस करे।बसल्कि हमलोगों का दुनिया मे आने का मकसद ये है,की हमलोग खाना,पीना बिजन्स ,फैमली…nusratr in powerclub • 9 months agoमाहे रमजान की फजिलत ।अन अबी हुरैराता रजि अल्लाहु अन्हो,अन्ना रसूल सल्ललाहु आलैही व सल्लम : मन कमा रामाजाना ईमानन वा एहतेसाबन गुफिरा लहू मा तकद्दामा मिन जम्बीही (मुत्ताफाकुन अलै) अन अबी हुरैराता रजि अल्लाहु अन्हु से…nusratr in powerclub • 9 months agoईदुल फितरे ।ईदुल फ़ितरे,रमजान के खतम होने पर 10 शौवाल को मनाई जाती है। रमजान मुबारक़ के महीने में रोजह रखने,तरवि और कुरआन तिलावत की कसरत से तकवा हसील करने की खुशी मे ईद मनाई जाती है। इस खुशी का इजहार दो राकाआत्…nusratr in powerclub • 9 months agoएक मोमीन के लिए ये दुनिया कैद खाना है।अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कला: अद्दुनिया सीजनुल मोमीन व जन्नतुल काफिर (राहवाहु मुस्लिम) अबू हुरैरा राजी अल्ल्हू अन्हु से मंकुल है,की अल्लाह के रसूल…nusratr in powerclub • 9 months agoशर्म व हया ।हया उस कैफ़ीयत का नम है,जो इंसान मै ऐब और बुराई के डर से पैदा होती है।इंसान को शर्म व हया से आरस्ता हो जाना चाहिये।इसलिए की शर्म व हया ईमान का एक शोबा है, और ईमान का अंजाम जन्नत है।और हया भलाई को लती…nusratr in powerclub • 9 months agoकीसी के साथ हर गीज जुल्म नही करना चाहिये।जुल्म का लोगत मे कीसी चीज की असल मक़ाम से हटा कर रसखना है।और उसमे हसद तेजाउज दाखिल है,और जो अपनी असल जगाह ना हो, या तो उसमे काम व बेश हो जाये या बे वक़त जुल्म है।जुल्म कीसी भी सूरत में साईज नही है।और…nusratr in powerclub • 9 months agoहमेशा लोगों के साथ नरमी से पेश आना चाहिये।इंसान को चाहिये की हमेशा हर काम मे नरमी, और आसानी करे।क्यूंकि अल्ल्हा ताला रहमान है,व अपने बन्दों के लिए हसमेशा आसानी चहता है दुशवारि (मुश्किल)नही।अल्लाह ताला अपने बन्दों से चहता है, की आपस मे नरमी…nusratr in powerclub • 9 months agoअपने रिश्ते दारों के साथ हमेशा हुस्ने सुलूक करनी चाहिये।रिश्ते दारों के साथ सिलाह रहमी और हुस्ने सुलूक वाज़िब है।रिश्ता तोड़ना कबीरा (बड़ा)गुन्हा है।और जो अपने रिश्ते दारों के साथ सिलाह रहमी नही कतरा है,रिश्ता तोड़ता है, वाह जन्नत मे नही जसयेगा।और जो रिश्ता…