अपने भाई को काफिर नही कहना चाहिये।

in powerclub •  7 months ago 

अन‌अबि हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम काला:
इजा कालार्र्जु ली आख़िहि या काफिरू,फकाद बा आ बिहि अहदु हुमा
(रावाहुल बुखारि)
अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हु से रवायत है,की अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया: जब कोई आदमी अपने भाई को ऐ काफिर कह कर पुकार ता तो उसकी ये बात दोनो मे से कीसी ना कीसी पर लोट आती है।

(बुखारि -6104)

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कीसी मुसलमान को ए काफिर कह कर पुकारना यानी कीसी मुसलमान की तकफिर करना जाइज नही है । हदीस का मफहूम ये नहीं है,का माफहुम ये नही है की ऐसा कहने वाला काफिर हो जाता है,या इस्लाम से निकल जाता ही जाता है।
बल्कि माफहुम ये है की कहने वाले पर् कुफ्र लोट आता है, गोया व खुद अपनी तकफिर कर रहा होता है और गुनाह आजिम है।

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