शरई इल्म सिखाने मे आवाज़ बुलंद की जा सकती है ।

in powerclub •  7 months ago 

अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कला : वायलून लीलअकबि मीन्नार
(मुत्ताफकून आलै )

अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हु से रवायत है की, अल्लाह के रसूल सल्ल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया: एड़यो के लिए हलकात है,आग के जरिये है।
बुखारी - 60 मसलिम 241


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वजू मे दोनो पैरों का धोना वाज़िब है,ऐसा जाइज़ नहीं है की बाज इजा को धोया जाये और बाज का मसाह किया जाये।
इस हदीस से अल्लाह के नबी सल्लाल्लाहु आलै ही व सल्लम की अपनी उम्मत से मोहब्ब्त व शफ़कत समझ में आती है।
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