अन अबी हुरैराता रजी अल्लाहु अन्हु,अन्ना रसूल सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम कला:
हुजिबातिन्नारू बिश्हावति वा हुजिबातील जन्ना बिलमकरिहि
मत्ताफकुन आलै
अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हु से रवायत है,की अल्लाह के रसूल सल्ल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
ज़ह्न्न्म ख्वाहिशात से और जन्नत नागावर कामों से ढांप दी गई है।
(सही बुखारी - 6487)
नफ़सानी ख्वाहिशात कंट्रोल करने से ही जन्नत का रास्ता मिल सकता है।
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इंसानी नफ़्स की आदते ना गवार गुजरती है,और ऐश व ईशरत के काम भले मालूम होते हैं,जब्कि नताईज़् के एतेबार एक दूसरे की जिद है।