!السلام علیکم میرے پیارے ساتھیو اور دوستو
میرے بلاغ میں آپ سبھی حضرات کا دل و جان سے خیر مقدم ہے
امید کرتا ہوں کہ آپ سب خیر و عافیت سے ہوں گے
تو آئیے بلا کسی تاخیر شروع کرتے ہیں آج کے ٹاپک (موضوع) کو:
بیوی غصّے پہ کنٹرول نہ کرتے ہوئے اپنے شوہر سے کہنے لگی! " اگر تم مرد ہو تو مجھے "طلاق دو" میں ایک سیکنڈ بھی تمہارے ساتھ نہیں رہ سکتی-"
اس کا شوہر خاموشی سے اس کی بات کو نظر انداز کرنے کی کوشش کرنے لگا. لیکن بیوی نے پھر کہا تم مرد نہیں اگر ہو تو مجھے طلاق دو-"
حالانکہ اس کی بیوی نیک پاکباز اور اچھی سیرت والی عورت تھی لیکن یہ سب غصہ کی حالت میں اس کی زبان سے نکل رہا تھا اور اس موقع پر شیطان پوری کوشش میں تھا کہ میاں بیوی کو ایک دوسرے سے الگ کردے ......
عورت کا غصہ جب اور بڑھا تو کہا! " اگر تم مرد ہو تو یہ کرو وہ کرو-" وغیرہ وغیرہ
آخر کار بیوی نے کہا! "مجھے ابھی فوراً تمہارا جواب چاہئے اور تم مجھے اسی وقت جواب دو- "
بالآخر آدمی نے مجبور ہو کر ایک کاغذ میں چند سطریں لکھ کر لفافے کے اندر رکھ کر اس کے ہاتھ میں پکڑاتے ہوئے کہا! "جاؤ فی امان اللّٰہ " یہ وہ دروازہ ہے جس سے تم میرے ساتھ آئی تھیں میں نے ثابت کر دیا کہ میں "ایک مرد ہوں" تم اب اپنے میکے جاؤ -"
چنانچہ عورت نے اپنا سامان وغیرہ باندھ کر اٹھایا اور اپنے میکے کی طرف چل دی ......
جب یہ بات لوگوں میں پہنچی تو کسی کو یقین نہیں ہو رہا تھا کہ آدمی بڑا نیک اور رحم دل انسان ہے یہ کیسے ہو سکتا کہ وہ اپنی بیوی کے ساتھ ایسا برتاؤ کرے .....
ادھر میکے میں بیوی کے دن گزرتے گئے اور آہستہ آہستہ اس کا دل وہاں گھٹنے لگا, اسے تنہائی ستانے لگی تو ایک دن اس نے شوہر کو فون کیا اور رونے لگی کہا! " تم میرا سب کچھ ہو میں تمہارے بغیر نہیں رہ سکتی-"
آدمی نے جواب دیتے ہوئے کہا! " اُمّ محمد " تم آخر اب مجھ سے کیا چاہتی ہو-؟"
بیوی نے کہا میں غلط تھی اور کہا! "مانا کہ تم مرد ہو لیکن میں ایک ناقص العقل عورت ہوں-"
آدمی نے جواب دیا! " یہ تو تمہارا مطالبہ تھا جو میں نے پورا کر دیا اور تم مجھے ثابت کرنے دو کہ میں مرد ہوں."
بیوی نے کہا! " مانا کہ تم مرد ہو لیکن میں ایک ناقص العقل عورت ہوں. "
آدمی نے جب دیکھا کہ عورت اس کے سامنے اپنی بے بسی اور دکھ کا اظہار کر رہی ہے تو اس نے کہا! " اچھا جاؤ ذرا وہ لفافہ کھول کر دیکھو تو سہی جو میں نے تمہیں لکھ کر دیا تھا " ,
عورت فون کو ہولڈ میں رکھ کر اٹھی اور اس لفافے کو کھول کر اس میں موجود کاغذ کے ٹکڑے کو دیکھا تو اس میں لکھا ہوا تھا !
( اے میری پیاری * اُمّ محمد * اگر آسمان زمین پر بھی گر جائے تب بھی میں تمہیں ہرگز ہرگز طلاق نہیں دوں گا )
یہ تھا اصل کاغذ جو اس نے اس وقت بیوی کو دیا تھا .....
لیکن بیوی نے سمجھا تھا کہ اس میں " طلاق , طلاق , طلاق " لکھا ہوگا .....
جب بیوی نے کاغذ پڑھا تو رونے لگی اور روتے ہوئے کہا! " اے میرے سرتاج! آپ تو مردوں کے مرد نکلے- "
- بہنوں اور بھائیوں *
دیکھیں کس طرح کہانی کا رخ بدل گیا جب شوہر نے اپنے غصہ پر کنٹرول کیا اور اپنا گھر برباد ہونے سے بچا لیا ..... یہی ہے اصل مردانگی
جو لڑکی زبان دراز ہوتی ہے اس کو طلاق ہوتی ہے .....
جو لڑکی بہت زیادہ ضدی ہوتی ہے اس کو طلاق ہوتی ہے .....
جو لڑکی ہر بات پر گھر والوں سے ٹیوشن لیتی ہے اس کو طلاق کی ڈگری ضرور ملتی ہے .....
جو لڑکی دوسرے لوگوں کی باتوں میں آ جاتی ہے وہ اپنا گھر خراب کر لیتی ہے .....
گھر کو برباد کرنا اور آباد کرنا لڑکی کے اپنے ہاتھ میں ہوتا ہے ....
سمجھدار لڑکی وہ ہوتی ہے جو میکے کی باتیں سسرال میں نہ کرے اور سسرال کی باتیں میکے میں جا کر نہ بتائے .....
ایک حدیث کا مفہوم ہے
"جو شخص شوہر کو بیوی کے خلاف اکسائے یا بیوی کو شوہر کے خلاف اکسائے وہ ہم میں سے نہیں ...."
ایک اور حدیث کا مفہوم ہے
" میاں اور بیوی ایک دوسرے کا لباس ہیں- جس طرح سے لباس ہمیں چھپاتا ہے اس طرح سے شوہر کو چاہیے کہ بیوی کی برائیاں دوسروں سے نہ کرے اور نہ بیوی کو چاہیے کہ شوہر کی برائیاں دوسروں سے کرے -"
شیطان کو سب سے زیادہ خوشی اس بات پر ہوتی ہے جب میاں بیوی کا لڑائی جھگڑا ہوتا ہے -
کاش کہ یہ بات تیرے دل میں اتر جاٸے
शांति तुम पर हो मेरे प्रिय साथियों और दोस्तों!
मैं अपने संदेश में आप सभी का स्वागत करता हूँ!
आशा है आप सभी अच्छी तरह से होंगे!
तो बिना देर किए चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक:
पत्नी गुस्से पर काबू न करते हुए पति से कहने लगी! "यदि आप एक पुरुष हैं, तो मैं आपको एक सेकंड के लिए भी" तलाक "नहीं दे सकता-"
उसके पति ने चुपचाप उसकी उपेक्षा करने की कोशिश की। लेकिन पत्नी ने फिर कहा, "तुम पुरुष नहीं हो, यदि हो तो मुझे तलाक दे दो।"
यद्यपि उसकी पत्नी एक सदाचारी और सदाचारी स्त्री थी, लेकिन क्रोध की स्थिति में यह सब उसकी जुबान से निकल रहा था और इस मौके पर शैतान पति-पत्नी को एक-दूसरे से अलग करने की पूरी कोशिश कर रहा था।
महिला का गुस्सा बढ़ा तो उसने कहा! "यदि आप एक आदमी हैं, यह करो, वह करो-" और इसी तरह
आखिर पत्नी बोली ! "मैं अभी आपका उत्तर चाहता हूं और आप अभी मुझे उत्तर दें-"
अंत में उस आदमी को विवश होकर एक कागज पर कुछ पंक्तियाँ लिखनी पड़ीं, उसे लिफाफे के अंदर रखकर हाथ में पकड़ कर बोला! "अल्लाह के नाम पर जाओ" यह वह दरवाजा है जिससे तुम मेरे साथ आए थे मैंने साबित कर दिया कि मैं "एक आदमी" हूं अब अपने घर जाओ -"
तो महिला ने अपना सामान पैक किया और अपने घर की ओर चल पड़ी।
जब ये बात लोगों तक पहुंची तो किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि एक आदमी बहुत अच्छा और दयालु इंसान है, वो अपनी पत्नी के साथ ऐसा कैसे बर्ताव कर सकता है....
इस बीच मक्का में पत्नी के दिन बीतते गए और धीरे-धीरे उसका दिल वहीं डूबने लगा, उसे अकेलेपन ने सताया, तो एक दिन उसने अपने पति को फोन किया और रोने लगी। "तुम मेरे सब कुछ हो, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता-"
उस आदमी ने जवाब दिया और कहा ! "उम्म मुहम्मद, अब तुम मुझसे क्या चाहते हो?"
पत्नी ने कहा मैं गलत थी और बोली ! "आप एक पुरुष हो सकते हैं, लेकिन मैं एक कमजोर दिमाग वाली महिला हूं-"
उस आदमी ने जवाब दिया! "यह तुम्हारी माँग थी जो मैंने पूरी की और तुमने मुझे यह साबित करने दिया कि मैं एक आदमी हूँ।"
पत्नी ने कहा! "आप एक पुरुष हो सकते हैं, लेकिन मैं एक कमजोर दिमाग वाली महिला हूं।"
जब पुरुष ने देखा कि महिला उसके सामने अपनी बेबसी और दुख व्यक्त कर रही है, तो उसने कहा! "ठीक है, बस लिफाफा खोलो और देखो मैंने तुम्हें क्या लिखा है।"
महिला फोन होल्ड पर रखकर उठी और लिफाफा खोला और उसमें कागज के टुकड़े को देखा उसमें लिखा था!
(ऐ मेरे महबूब उम्म मुहम्मद चाहे ज़मीन पर आसमान गिर जाए तो भी मैं तुझे कभी तलाक़ नहीं दूँगा)
यही असली कागज था जो उसने उस समय अपनी पत्नी को दिया था।
लेकिन पत्नी ने सोचा कि उसमें "तलाक, तलाक, तलाक" लिखा होगा...
पत्नी ने पेपर पढ़ा तो फूट-फूट कर रोने लगी और रोते हुए बोली! "ऐ मेरे सरताज! तू मर्दों का आदमी निकला-"
बहनें और भाई
देखिए कैसे कहानी एक अलग मोड़ लेती है जब पति अपने गुस्से पर काबू रखता है और अपने घर को बर्बाद होने से बचाता है..... यही है असली मर्दानगी
जिस लड़की की जुबान लंबी होती है उसका तलाक हो जाता है।
एक लड़की जो बहुत ज़िद्दी है उसका तलाक हो जाता है...
एक लड़की जो अपने परिवार से हर बात पर ट्यूशन लेती है, उसे तलाक की डिग्री जरूर मिलेगी।
दूसरों की बातों में आने वाली लड़की अपना ही घर खराब करती है।
घर को उजाड़ना और बसाना लड़की के हाथ में है।
समझदार लड़की वही है जो ससुराल की बात न करे और ससुराल की बात न करे।
हदीस का अर्थ है
"जो कोई पति को अपनी पत्नी के खिलाफ या पत्नी को अपने पति के खिलाफ उकसाता है, वह हम में से नहीं है ..."
एक और हदीस के मायने
"पति और पत्नी एक दूसरे के वस्त्र हैं - जिस प्रकार वस्त्र हमें छुपाते हैं, इसलिए पति को अपनी पत्नी के गलत कार्यों को दूसरों के साथ साझा नहीं करना चाहिए, और पत्नी को अपने पति के गलत कार्यों को दूसरों के साथ साझा नहीं करना चाहिए -"
पति पत्नी के झगड़े से सबसे ज्यादा खुश होता है शैतान
काश यह मामला आपके दिल में उतर जाता