समय के हिसाब से सही लेख
मुस्लिमों ने उदयपुर की घटना को खूब कंडेम किया है, लेकिन लोगों को चैन नहीं.... कट्टरों को छोड़िए हमारे लिबरलो को भी चैन नहीं....
असल में हर हिंदू के भीतर एक संघी छुपकर बैठा रहता है.... जो ऐसे मौकों पर दो हत्यारों के कार्य का जिम्मा 30 करोड़ के सिर डालने को बेचैन रहता है....उनके लिए तो यह आम मुसलमानों को लेकर अपने भीतर छिपी नफरत को एक बार और बाहर निकालने का मौका है, तो कंडेम्नेशन पर भी सवाल उठा रहे....
पहले कह रहे थे कि मुसलमान कंडेम नही करेगा... अब जब मुसलमान कंडेम कर रहा है तो कह रहे हैं मुसलमान दिल से कंडेम नही कर रहा है.... हम तो कहते हैं भैया आप ही लिखकर दे दो कि मुस्लिमों को कैसे कंडेम करना चाहिए...
छोड़ो यार... हमारे समाज का माइंडसेट ही ऐसा है... अगर कहीं हिंदू मुस्लिम होता है तो बिना पूरी जानकारी के लिए मान लेते हैं कि गलती तो मुसलमान की ही रही होगी... असल में उसका मुसलमान होना ही काफी है उसके गुनहगार होने के लिए....
मुसलमान भाइयों को चाहिए कि हत्यारों के लिए सजा की मांग करिए...मृतक कन्हैया के परिवार के साथ खड़े होइए... बाकी सफाई घंटा किसी को मत दीजिए.... भाषा के लिए क्षमाप्रार्थी हूं,पर सफाई किसी को घंटा मत दीजिए...