वर्तमान में हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। हमारा समाज आगे बढ़ गया है। अब हम आसमान पर पहुंच गए हैं। लेकिन हमारे पुरुष समाज की मानसिकता पहले जैसी है। आज वे बिना दहेज के शादी नहीं करना चाहते। हमें पता होना चाहिए कि इस्लाम में दहेज की मनाही है। फिर सोचिए कि इंसानियत में दहेज लेना कितना तार्किक है ???
एक पिता अपनी बेटी को छोटी उम्र से ही बड़ी मुसीबत में उठाता है, अपनी बेटी को शिक्षित करने के लिए बहुत पैसा खर्च करता है। उसके बाद भी, अगर उसे अपनी बेटी की शादी में दहेज देना पड़ता है, तो उस पिता की क्या स्थिति होती है? कई परिवारों में एक से अधिक बेटी होती हैं, अगर उन्हें शादी में दहेज देना पड़ता है, तो सोचें कि पिता को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है?
हमें सभी पुरुषों की मानसिकता बदलनी चाहिए। हम सभी को दहेज रहित शादी करनी चाहिए।