मौसमी जूस ताजा ही पीना चाहिए क्योंकि ज्यादा देर तक रखने पर इसके स्वाद में कुछ कड़वाहट आ जाती है। बीमार होने पर मौसम्बी जूस पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये विटामिन सी और एंटीओक्सिडेंट से भरपूर होता है। ये रस हमारी रोगों से लड़ने की शक्ति मजबूत करता है और शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत देता है। सुबह खाली पेट मौसंबी का जूस नहीं पीना चाहिए। रात के भोजन के बाद या सोने के पहले जूस नहीं पीना चाहिए। अगर खांसी आ रही है तो मौसमी जूस, संतरा जैसे खट्टे फल का जूस नहीं पीना चाहिए। मौसमी या किसी खट्टे फल के जूस को दवाई के साथ नहीं पीना चाहिए क्योंकि कुछ दवाइयाँ जैसे एंटीबायोटिक आदि मौसंबी जूस के साथ रिएक्शन कर सकते हैं। दवा लेने के 2-3 घंटे बाद जूस पी सकते हैं।
खिलाड़ियों, शारीरिक मेहनत करने वाले, जिम में वर्क आउट करने वाले बॉडीबिल्डर को मौसमी का जूस जरुर पीना चाहिए। इससे वो मसल्स की जकड़न से बचे रहेंगे।सर्दी और जुकाम, फीवर ठीक करने के लिए एक गिलास मौसंबी जूस में 1-2 चुटकी नमक, 5-6 बूँद अदरक का रस डालकर पीयें। डेंगू बुखार, वायरल फीवर, सामान्य बुखार में मौसमी जूस पीना फायदा करता है।शुगर के रोगी को मौसमी के जूस में आंवला का रस और शहद मिलाकर सुबह खाली पेट पीना चाहिए। इस तरह मौसंबी जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल में रहता है। मौसंबी काकम होता है इसलिए यह शुगर लेवल को एकदम से बढ़ने नहीं देता है। मौसंबी के अलावा संतरा, पपीता और सेब का भी कम होता है इसलिए ये फल भी संतुलित मात्रा शुगर रोगी खा सकते हैं।
मौसम्बी का जूस गर्भावस्था (Pregnancy) में पीना बहुत अच्छा होता है क्योंकि इससे मिलने वाला Calcium और Potassium बच्चे के विकास के लिए फायदेमंद है। मौसंबी जूस पाचन सही रखता है इसलिए गर्भवती स्त्री को कब्ज आदि की समस्या नहीं होती है। विटामिन सी से युक्त यह जूस शरीर में Vitamin C की कमी भी पूरी करता है। अगर आपको जुकाम-खांसी है तो जूस बहुत ठंडा या जूस में बर्फ नहीं होनी चाहिए। फ्रिज में रखा हुआ ठंडा जूस तुरंत नहीं पीना चाहिए, थोड़ी देर रुक कर जब वो सामान्य टेम्परचर पर आ जाए तब पीना चाहिए।
इस बात का ध्यान रखें कि जूस साफ तरीके से निकाला गया हो जिससे कि जूस में कोई गंदगी न हो। आप घर में भी मौसमी जूस निकालने की मशीन से साफ-सुथरा जूस तैयार कर सकते हैं। अगर आप हाथ से चलने वाली जूस की मशीन ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो ये लिंक देख सकते हैं