भारत में गुरुकुल के ज़माने से आज तक Schools में बच्चों को कान पकड़ के उठक बैठक की सजा देने की परम्परा चली आ रही है. दोनों हाथों को आपस में क्रॉस करके बाएं हाथ से दाहिने कान और दहिने हाथ से बाये कान को पकड़कर उठना बैठना होता था.जिस बच्चे को यह सजा मिलती वो तो शर्मसार हो जाता था लेकिन हाल में हुई Research से पता चला है कि इस Exercise के फायदे गजब के हैं. कान पकड़ कर उठक बैठक करना या दंड बैठक एक प्राचीन योग है, जोकि दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है। ।हमारे भारतीय स्कूलों में यह सजा अक्सर पढाई में कमजोर बच्चों को दी जाती है, लेकिन प्राचीन काल में ऐसा नहीं था. उस समय गुरुकुलों में सभी को यह योग कराया जाता था. अब विदेशों में यह योग Super Brain Yoga के नाम से मशहूर हो रहा है.यह योग करते समय ध्यान दें कि कान के उपरी हिस्से को नहीं बल्कि निचले हिस्से (Earlobe) को पकड़ा जाता है. कान के इस हिस्से में खास एक्यूप्रेशर पॉइंट होते हैं, जिसे दबाने से दिमाग की खास तंत्रिकाओं में सक्रियता बढती है, मस्तिष्क कार्यक्षमता बढ़ती है.
– इस तरह उठने बैठने से Mind की मेमोरी सेल्स में तेजी से खून दौड़ता है. दिमाग के बाये और दायें हिस्से के सिस्टम में एक बैलेंस सेट होता है, जिससे कि मन शांत होता है और फोकस बढ़ता है. इसकी वजह से याददाश्त तेज होती है और माइंड शार्प होता है. Uthak Baithak योग करने से दिमागी बीमारियाँ जैसेऔर सीखने या व्यवहार सम्बन्धित रोग में भी फायदा मिलता है. वैसे तो इसी फायदे की वजह से कक्षा के कमजोर और शरारती बच्चों को यह योग करवाया जाता था, लेकिन इसे कोई भी करे उसे लाभ ही मिलेगा.सामने देखते हुए सीधे खड़े हों, ठुड्डी जमीन के समानांतर हो. दोनों पैर कंधो की चौड़ाई जितना दूरी पर हो और पंजे सीधे हों.– अब सीने के सामने से दोनों हाथो को क्रॉस करते हुए बाएं हाथ से दाहिने कान का निचला हिस्सा और दाहिने हाथ से बाएं कान का निचला हिस्सा पकड़ें. कान न बहुत तेजी से दबाएँ कि एकदम लाल ही हो जाएँ न एकदम हल्के से. मध्यम प्रेशर (Medium pressure) लगाते हुए पकड़ें. कान के सिरे को अंगूठे और पहली ऊँगली के बीच पकड़ें. अंगूठे ऊपर की तरफ हो और ऊँगली पीछे जाये. हाथ सीने के ऊपर हों, जिसमें दाहिना हाथ ऊपर आये.