आप अपने छोटे बच्चे को Mobile या Tablet से खेलने देते हैं ? क्या बच्चों को मोबाइल देना चाहिए ? क्या आप जानते हैं कि ये सारे गैजेट्स हमारे छोटे बच्चों के सीखने की क्षमता और व्यक्तित्व को किस प्रकार से प्रभावित कर रही हैं इस पोस्ट में मैं आपको बताने जा रहा हूं कि 12 साल से छोटे बच्चों के मोबाइल प्रयोग करने के नुकसान क्या हैं. पिछले 2 दशकों में मोबाइल फोन, टैबलेट जैसी डिवाइस ने छोटे बच्चों में टेक्नॉलजी की एक्सेसिबिलिटी और उपयोग को बढ़ा दिया है.बच्चों को मोबाइल देखने से क्या होता है आइए जाने। Smartphone और इसी तरह के Gadgets का दुष्प्रभाव सबसे पहले बच्चों की आंखों पर दिखता है क्योंकि वे Back lit Screen को घंटों तक अपलक देखते रहते हैं. इसे कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम भी कह सकते हैं.यदि आप अपने बच्चों की आंखों की भलाई चाहते हैं तो उन्हें एक बार में 30 मिनट से अधिक समय तक स्क्रीन नहीं देखने दें.
आज हमारे पास जिस प्रकार की टैक्नोलॉजी है वह बच्चों की मूवमेंट्स को सीमित कर देती है जिससे उनका शारीरिक विकास पिछड़ सकता है.स्कूल जानेवाले 3 बच्चों में से 1 में शारीरिक विकास सुस्त दिखता है जिससे उनकी शैक्षणिक क्षमताएं व योग्यताएं प्रभावित होती हैं. फिज़िकल एक्टिविटी करते रहने से बच्चे फोकस करना सीखते हैं और नई स्किल्स डेवलप करते हैं.जिन बच्चों को ये डिवाइसेज़ उनके कमरे में उपयोग करने के लिए दी गईं उनके मोटे होने का रिस्क 30 प्रतिशत तक अधिक पाया गया.मोटे बच्चों में भी 30 प्रतिशत को डायबिटीज होने का और बड़े होने पर पैरालीसिस व दिल के दौरा आने का खतरा बढ़ जाता है. ये सारे खतरे उनकी लाइफ़ एक्सपेक्टेंसी को कम करते हैं.ऐसा कहा जा रहा है कि 21वीं शताब्दी में बच्चों की उम्र उनके माता-पिता की उम्र जितनी लंबी नहीं रह पाएगी.
मीडिया, टीवी, फिल्मों और गेम्स में हिंसा बहुत अधिक दिखाई जाती है, जिससे बच्चों में आक्रामकता बढ़ रही है.आजकल छोटे बच्चे शारीरिक और लैंगिक हिंसा के प्रोग्राम और गेम्स के संपर्क में आ जाते हैं जिनमें हत्या, बलात्कार और टॉर्चर के दृश्यों की भरमार होती है.मीडिया में दिखलाई जानेवाली हिंसा को अमेरिका में पब्लिक हेल्थ रिस्क की श्रेणी में रखा जाता है क्योंकि यह बच्चों के विकास को विकृत करती है.हाई-स्पीड मीडिया कंटेंट से बच्चों के फोकस करने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है जिससे वे किसी एक चीज़ पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते और तथ्यों को याद भी नहीं रख पाते.जो बच्चे ध्यान भटकने की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कत आती है.