आईपीएल में अगर कोई टीम 210 रन बनाकर हार जाय तो पहला सवाल मन में यही आता है कि ऐसा क्या हो गया कि पहाड़ सा स्कोर बौना साबित हो गया. चार बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के साथ गुरुवार को यही हो गया. महेंद्र सिंह धोनी और रवींद्र जडेजा की टीम विशालकाय स्कोर बनाकर भी 3 गेंद बाकी रहते ही मैच हार गई. हार के हजार बहाने… लेकिन हम यहां सिर्फ एक और सबसे बड़े कारण की बात करेंगे, जिसने चेन्नई सुपर किंग्स को हार के लिए मजबूर किया. तकनीकी भाषा में कहें तो मैच का टर्निंग पॉइंट.
जिस मैच में 40 से भी कम ओवर में 421 रन बने हों उस मैच के रोमांच पर कई बातें हो सकती हैं. लेकिन हम यहां टर्निंग पॉइंट की ही बात करेंगे, जो लखनऊ सुपरजायंट्स की पारी का 19वां ओवर रहा. जब यह ओवर शुरू हुआ तो सुपरजायंट्स को जीत के लिए 12 गेंद पर 34 रन चाहिए थे और विकेट बाकी थे छह. क्रीज पर थे एविन लुईस और आयुष बदोनी. ये दोनों ही बल्लेबाज बड़े-बड़े शॉट लगाने के लिए जाने जाते हैं. एविन लुईस का लोहा दुनिया मानती है. आयुष का यह आईपीएल में सिर्फ दूसरा मैच ही था. वैसे उन्होंने पहले ही मैच में धमाका कर दिया था और कम से कम आईपीएल देखने वालों के लिए उनका नया नाम नहीं है.
कप्तान जडेजा को शायद लगा हो कि शिवम दुबे का दिन अच्छा गुजर रहा है तो क्यों ना चांस ले लिया जाय. लेकिन यह जरूरी तो नहीं कि अगर आप की टीम में ‘मिडास टच’ वाला पूर्व कप्तान है तो आपकी किस्मत भी वैसी ही हो. जडेजा का यह फैसला पैरों में कुल्हाड़ी मारने वाला साबित हुआ. शिवम दुबे ने अपने इस एकमात्र ओवर में 25 रन लुटा दिए. जिस लखनऊ सुपरजायंट्स को 2 ओवर में 34 रन चाहिए थे. उसे अब एक ओवर में 9 रन चाहिए थे. लखनऊ को जो जीत 5 मिनट पहले दूर नजर आ रही थी, वह अब जेब में आती लगने लगी थी. और क्रीज पर वही दो बल्लेबाज थे, जिन्होंने शिवम की गेंदों को आसमान की सैर कराई थी.
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