चिप्स, नमकीन, भुजिया, आदि जैसे स्नैक्स खाना किसे पसंद नहीं है? लेकिन आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इन खाद्य पदार्थों पर विशेष टैक्स लगाने का मन बनाया है।कुछ स्नैक्स न केवल स्वादिष्ट लगते हैं, बल्कि चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, आदि जैसे बेवरेज के साथ अच्छा कॉम्बो बनाते हैं। ये स्नैक्स आपकी क्रेविंग को तृप्त करने के साथ आपके टेस्ट बड्स को भी सक्रिय बनाते हैं। लेकिन सेहत की दृष्टि से देखा जाए, तो यह प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इनमें से ज्यादातर स्नैक्स डीप फ्राइड और नमक से भरे हुए होते हैं। इन अनहेल्दी चीजों का रोजाना सेवन करने से न केवल वजन बढ़ सकता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती है। देश की बढ़ती मोटापे (Obesity rate) की दर से निपटने के लिए केंद्र ने चीनी, फैट और नमक से भरे खाद्य पदार्थों पर अधिक टैक्स लगाने का मन बनाया है।
वर्ल्ड ऑबेसिटी डे (World obesity day)
मोटापा एक वैश्विक समस्या है, और यह हम सभी को प्रभावित करता है। हममें से 800 मिलियन लोग इस बीमारी के साथ जी रहे हैं, और लाखों और लोग जोखिम में हैं। आप जानते हैं कि मोटापे की जड़ें बहुत गहरी हैं, और आज की जीवन शैली अधिक लोगों को इसका शिकार बना रही है। इसलिए स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कार्रवाई करना जरूरी है। वर्ल्ड ऑबेसिटी डे में एक वार्षिक अभियान के रूप में स्थापित किया गया था, जो लोगों को स्वस्थ वजन हासिल करने और बनाए रखने और वैश्विक मोटापे के संकट को दूर करने में मददगार साबित हुआ।
.प्रत्येक वर्ष एक विशिष्ट विषय पर आधारित एक अभियान चलता है। इस अभियान का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करना, नीतियों में सुधार करना और अनुभव साझा करना है। विश्व मोटापा दिवस 2022 का विषय ‘एवरीबडी नीड्स टू एक्ट’ है। स्वस्थ भोजन विकल्प प्रदान करके, हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर कदम बढ़ाना, सही व्यायाम पर जानकारी का प्रसार, लोगों को गतिहीन जीवन शैली के विरुद्ध प्रोत्साहित करने से, यह वैश्विक प्रयास मोटापे को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम होगा।“नीति आयोग, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से, भारत के कार्यों को समझने के लिए उपलब्ध सबूतों की समीक्षा कर रहा है। जैसे कि फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग, एचएफएसएस (HFSS) खाद्य पदार्थों की मार्केटिंग और विज्ञापन, और फैट, चीनी एवं नमक में उच्च खाद्य पदार्थों का कर यानी टैक्स।”