गर्मियों के मौसम में रूह अफज़ा पीना ताजगी भरी तरावट देने के साथ ही कई सेहतमंद फायदे भी देता है। रूह अफज़ा का उपयोग शर्बत, लस्सी, फ़ालूदा, मिल्कशेक, कुल्फी आदि बनाने में किया जाता है.रूह अफज़ा यूनानी फार्मूला पर आधारित सिरप है जिसकी ठंडी तासीर की वजह से गर्मियों में पीने की सलाह दी जाती है। रूफ अफज़ा में कई प्रकार के फल, सब्जी, फूल, बीज, जड़ी-बूटी के अर्क और मसालों का मिश्रण है। रूह अफज़ा पीने से लू लगना, बुखार, शरीर की गर्मी, बहुत प्यास लगना, गर्मी से थकान, ज्यादा पसीना आना जैसी दिक्कतों में आराम मिलता है.
- इसमें शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) से बचाव करने वाले तत्व सोडियम, पोटैशियम, कैल्सियम, सल्फर, फॉस्फोरस आदि है.
- रूह अफज़ा पीने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, जिससे शरीर में खून की मात्रा व क्वालिटी बढती है. खून बढ़ने से आप ज्यादा सक्रिय, ऊर्जावान महसूस करते हैं. उलटी-चक्कर आना, डायरिया, पाचन समस्या, पेट दर्द में रूह अफज़ा का शरबत पीजिये, राहत मिलेगी. पतले लोगों का वजन बढ़ाने में भी रूह अफज़ा कारगर माना जाता है. शरीर में नाइट्रोजन की मात्रा संतुलित करके वजन बढ़ाता है। इस ड्रिंक को पीने से आप हल्का और तरोताज़ा अनुभव करते हैं क्योंकि ये आपके तंत्रिका-तन्त्र पर अच्छा असर डालता है.
गर्मियों के मौसम में रूह अफज़ा एक लोकप्रिय ड्रिंक है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रूह अफज़ा India में जितना पसंद किया जाता है, उतना ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी.100 साल से भी ज्यादा पुराना यह ड्रिंक आज भी बिना किसी बड़े स्टार द्वारा प्रचार के बावजूद आज भी उतना ही पसंद किया जाता है. रमज़ान के महीने में रोजा रखने वाले बहुत से लोग शाम को इफ्तार के समय रूह अफज़ा पीकर रोज़ा खोलते हैं। पुरानी दिल्ली में एक यूनानी दवाखाना चलाने वाले हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने सन 1906 में Rooh Afza ड्रिंक की खोज की थी.हकीम हाफिज अब्दुल मजीद और उनके बेटों ने गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में हमदर्द (Wakf) लैबोरेट्रीज और कराची (पाकिस्तान) में हमदर्द (Waqf) लैबोरेट्रीज नाम से कम्पनी खोली थी.