ऑयल पुलिंग (गंदुश क्रिया) आयुर्वेद की 3000 वर्ष प्राचीन तकनीक है जिसे संस्कृत में कवल ग्रह, स्निग्ध गंडूष कहा गया है। ऑयल पुलिंग यानि तेल का कुल्ला करने से शरीर के विषैले तत्व (Toxins) निकल जाते हैं जिससे कई सारे रोग ठीक होते हैं और मोटापा भी कम होता है। दुनिया भर में Oil Pulling काफी प्रचलन में आ रहा है और विदेशी लोग भी इसके गुणगान कर रहे हैं।आजकल की लाइफस्टाइल, खानपान और प्रदूषण की वजह से हमारी बॉडी में बहुत से टॉक्सिन तत्व जमा हो जाते हैं। ब्लड सरक्युलेशन के दौरान ये तत्व हमारे जिस अंग में फंस जाते हैं वहाँ रोग पैदा करने लगते हैं। इसके अलावा ये टॉक्सिन बॉडी में थकान, सुस्ती, आलस, दर्द पैदा करते हैं और सेहत के लिए समस्या बनाते हैं।
ऑइल पुलिंग इन गंदगियों को खींचकर शरीर से बाहर करने का काम करता है जिससे कई रोग ठीक होते हैं, साथ ही एक ताजगी, फुर्ती और फ्रेशनेस का एहसास भी आपको महसूस होगा। ऑयल पुलिंग करने से मुंह के बहुत सारे रोग जैसे दांतों के रोग, मसूढ़ों में सूजन, साँस की दुर्गन्ध ठीक होते हैं। इसके साथ ही सिरदर्द, माईग्रेन, साइनस, अनिद्रा, त्वचा रोग, लीवर रोग, हार्मोन अस्थिरता जैसी समस्याएँ दूर होती हैं. – इससे बॉडी का कोलेस्टेरॉल लेवल कम भी होता है जोकि हार्ट रोग और ब्लड प्रेशर मरीज के लिए फायदेमंद है। यह क्रिया मोटापा घटाने में भी मदद करती है।
ध्यान रखें कि आपको यह मिश्रण निगलना बिलकुल नहीं है। इसके बाद साफ पानी से 2-3 कुल्ला करिये जिससे मुंह का सारा मिक्स्चर साफ हो जाए। कुल्ला करने के बाद आप ब्रश करें जैसा आप रोज ही करते हैं। बस इतना आसान है आयल पुलिंग करना। अच्छे परिणाम के लिए हफ्ते में इसे 4-5 दिन करें. फर्क आप खुद महसूस करेंगे। में तेल का कुल्ला आपको धीरे-धीरे करना है, जिससे 5 -15 मिनट तक करने से आपका मुंह न दर्द करने लगे. बीच-बीच में जीभ की मदद से मुंह में इसे घुमाते भी रहें। ऑइल पुलिंग करते समय एक जगह पर बैठना जरूरी नहीं है। आप इस दौरान न्यूजपेपर पढ़ सकते हैं, मोबाईल चेक कर सकते हैं, वॉक कर सकते हैं आदि। ये एक Basic hygiene habit है जैसे हम रोज ब्रश करते हैं। इसलिए चाहे तो आप इसे रोजाना करें या हफ्ते में 4-5 दिन तो जरूर करें।