हाई ब्लड प्रेशर शहर में ही नहीं बल्कि गांव-देहात में भी बहुत आम बीमारी हो गई है। इंडिया में करोड़ों लोग इसकी चपेट में हैं और यह जानलेवा भी हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर को Silent Killer भी कहते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि वे इसकी गिरफ्त में हैं क्योंकि लोग इसके लक्षण समझ नहीं पाते।ब्लड प्रेशर किसी को भी हो सकता है और एक बार दवा शुरु हो जाने उसे बंद करना सरल नहीं होता इसलिए High Blood Pressure की समस्या से बचाव में ही समझदारी है। पहले लोग मानते थे कि ब्लड प्रेशर की समस्या बुढ़ापे में होती है लेकिन अब छोटे बच्चों में भी ब्लड प्रेशर देखने में आ रहा है।हमारी रक्त वाहिनियों (धमनियों तथा नसों) पर पड़नेवाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं। डॉक्टर इसे मापने के लिए एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं जिसे (स्फिग्नोमैनोमीटर) या ब्लड प्रेशर मशीन कहते हैं।
रबर के ब्लैडर को दबाने पर पट्टा बांह में कसता है और प्रेशर रिलीज करने पर डॉक्टर या जांच करनेवाले को स्टेस्थकोप (Stethoscope) में टिकटिक की आवाज़ सुनाई देती है तो पारे के गिरते लेवल से 2 आँकड़े मिलते हैं।
ये कारण आदि हमारे ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं। भोजन में अक्सर ही अधिक मात्रा में नमक लेने से भी कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। खून की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से धमनियाँ संकरी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। मोटे लोगों को भी High Blood pressure होने का खतरा रहता है।
अधिक मात्रा में चाय, कॉफी पीने तथा सोडा ड्रिंक्स में मिले कैफीन से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। बहुत अधिक तनावग्रस्त रहने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। धूम्रपान करनेवालों को भी इसका रिस्क होता है। खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू आदि में ब्लड प्रेशर सही करने के गुण होते हैं। नींबू वाली चाय या संतरे/मोसम्बी का जूस पीना एक सरल उपाय है।
- ऐसा भोजन लें जिसमें पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक हो। कद्दू के बीज (Pumpkin seeds) में आदि तत्व होते हैं जोकि ब्लड प्रेशर कंट्रोल करते हैं। फली वाली सब्जियां और दालों में भी ये पोषक तत्व होते हैं।