दुनिया का सबसे पहला, सबसे पुराना अजूबा गीज़ा के पिरमिड को माना जाता है। ये विश्व के सात आश्चर्यों में सबसे पहला अजूबा है जोकि आज भी मौजूद है। ये पिरामिड मिस्र देश (Egypt) में कायरो (Cairo) शहर के पास नील नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। यह 2580-2560 ईसा पूर्व में बना था। आइए गिज़ा के पिरमिड के बारे में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं।ये दुनिया के सात आश्चर्यों में सबसे पुराना अजूबा है। गीज़ा का पिरमिड 3 पिरामिड के समूह को कहा जाता है। ये 3 पिरामिड Khufu, Khafre और Menkaure राजाओं के मकबरे हैं। इन 3 पिरामिड में सबसे बड़ा पिरामिड चौथे राजवंश के राजा खुफु का मकबरा है। इसे ‘ग्रेट पिरामिड’ कहा जाता है।गीज़ा के पिरमिड बनने के बाद करीब 3800 वर्षों तक यह दुनिया भर में इंसानों द्वारा बनाई गई सबसे ऊंचा निर्माण था। सन 1311 में इंग्लैंड में ‘द लिंकन कैथेड्रल’ बनने के बाद ही सबसे ऊंचे निर्माण का रिकार्ड टूटा।
ग्रेट पिरामिड को बनने में 20 वर्ष का समय और 20,000 से अधिक मिस्त्री, मजदूर लगे थे। ये पिरामिड चूना पत्थर और ग्रेनाइट चट्टानों से बने हुए हैं। ग्रेट पिरामिड में लगे पत्थरों का औसत वजन 2.5 टन है और कुछ पत्थरों का वजन 80 टन तक है। एक औसत पत्थर का वजन भी करीब एक SUV गाड़ी के बराबर है और करीब 25 लाख पत्थर इस पिरामिड में लगे हुए हैं, तो ऐसे कैसे लाकर लगाया गया होगा ये एक आश्चर्य ही है। संभवतः रैम्प और पुली सिस्टम की मदद ली गई होगी ऐसा अनुमान है।ग्रेट पिरामिड के चौकोर आधार में एक साइड की लंबाई 230 मीटर है और बनने के समय ऊंचाई 147 मीटर थी। आकार में दूसरे नंबर का पिरामिड चौथे राजवंश के 8वें राजा खाफ्रे का मकबरा है। इस पिरामिड के एक साइड की लंबाई 216 मीटर है और ऊंचाई 143 मीटर थी। तीसरे नंबर का पिरामिड चौथे राजवंश के 5वें राजा मेनकौरे का मकबरा है। इस पिरामिड के आधार के एक तरफ की लंबाई 109 मीटर है और ऊंचाई 66 मीटर थी।