कई लोग शरीर में पानी की कमी हो जाने या Dehydration (निर्जलीकरण) को गंभीरता से नहीं लेते। उन्हें लगता है कि ऐसा रेगिस्तान में ही हो सकता है कि कोई पानी की कमी के कारण जान से हाथ धो बैठे। आइए जाने शरीर में पानी की कमी से क्या होता है और ये भी जानें कि हमें रोज कितना पानी पीना चाहिए। कई कारणों से शरीर में पानी की क्रोनिक कमी हो सकती है जिसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं और ये ज़रूरी नहीं है कि इसके लक्षण एकाएक ही प्रकट हों। Chronic Dehydration बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है और यह उन लोगों को प्रभावित करता है जो सही मात्रा में पानी नहीं पीते। आइए जानें पानी की कमी से कौन सा रोग होता है।
थकान और ऊर्जा की कमी – शरीर के ऊतकों (टिशू) में पानी की कमी होने से एंजाइमेटिक गतिविधि धीमी हो जाती है जिससे बॉडी में एनर्जी की कमी, सुस्ती फ़ील होने लगती है। असमय वृद्धावस्था – नवजात शिशु के शरीर में जल की मात्रा 80 प्रतिशत होती है जो कि वयस्क होने तक घटते-घटते 70 प्रतिशत रह जाती है और उम्र बढ़ने के साथ-साथ और घटती जाती है। देखा गया है कि कम पीने वालों की स्किन पर बुढ़ापे के लक्षण दिखने लगते हैं। मोटापा – कई बार हम कोई रसदार भोजन या लिक्विड फूड खाना पसंद कर हैं और उसे भूख से ज्यादा खा जाते हैं क्योंकि प्यास को लोग कई बार भूख समझ लेते हैं। ऐसा करने से शरीर में मोटापा बढ़ने लगता है।
हाई और लो ब्लड प्रेशर – शरीर में पानी की कमी होने पर खून की मात्रा धमनियों, शिराओं और ब्लड सरक्यूलेशन सिस्टम को पूरी तरह से भरने के लिए पूरी नहीं पड़ती। इस वजह से हाई या लो ब्लड प्रेशर की कन्डिशन पैदा हो जाती है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ना – डिहाइड्रेशन होने से शरीर की कोशिकाओं के भीतर स्थित द्रव कम हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर अधिक कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का निर्माण करके इस नुकसान की भरपाई करने का प्रयास करता है। कब्ज – जब चबाया हुआ भोजन आंतों में प्रवेश करता है तो इसमें मौजूद द्रव के कारण मल (stool) भली भांति बनता है और आंत पानी को सोख लेती हैं। पुराने कब्ज में आंतें शरीर के अन्य अंगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी को अधिकता से सोखने लगती हैं।