आमला को आयुर्वेद में बहुत खास महत्व दिया गया है। आंवले का किसी भी रूप में सेवन या उपयोग फायदेमंद है। आंवला का जूस, आंवला का अचार, आंवला का चूरन, आंवला की चटनी, आंवला का मुरब्बा ये सब आंवला प्रयोग के मुख्य तरीके हैं। आंवला को इंग्लिश में कहते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाना – आंवला की सबसे बड़ी खासियत है हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना। जिससे हमारा शरीर कई छोटी-बड़ी बीमारियाँ होने नहीं देता या होने पर जल्द से जल्द ठीक करता है। विटामिन C का स्रोत – आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है। आंवले का विटामिन C बहुत पावरफुल होता है. 100 ग्राम आंवला में 445 mg विटामिन C पाया जाता है। आंवले में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर, एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं।
आंवला को किसी भी रूप में लिया जा सकता है। इससे आंवला के औषधीय गुण कम नहीं होते हैं। आप अपनी इच्छानुसार आंवला जूस, आंवला पाउडर, आंवला मुरब्बा, आंवला अचार का सेवन साल भर कर सकते हैं। अगर आंवले का मौसम हो तो ताजे आंवले का जूस और कच्चे आंवला का सेवन जरुर करें। च्यवनप्राश बनाने में आंवला सबसे मुख्य सामग्री है। खाने से मौसम बदलने पर होने वाला सर्दी-जुकाम, खांसी नहीं होता और शरीर अंदर से मजबूत बनता है। ये खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाता है और लिवर, फेफड़ों, तिल्ली और खून की सफाई करता है। च्यवनप्राश शरीर को जवान बनाये रखने में मदद करता है, शरीर में नई मसल्स बनाकर शरीर को सुंदर आकार देता है, बड़े-बूढों को रोगों से बचाता है।
आंवला आँखों के लिए लाभकारी है। यह आँखों की रौशनी तेज करता है। आंवला का सेवन मोतियाबिंद, रतौंधी और आँखों की अन्य बीमारियों में सुधार लाता है। आंवला और शहद साथ लेने से आँखों की रौशनी अच्छी होती है और आँखों के संक्रमण के खतरे कम होते हैं। कोलेस्टेरॉल कम करे – आंवला बढे हुए कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करता है और रक्तचाप सामान्य रखता है। आंवला डायबिटीज के रोगी में ब्लड शुगर बैलेंस करने का काम करता है।आंवला पेट के लिए अत्यंत गुणकारी है। पेट में गैस्ट्रिक एसिड जब ज्यादा Acidic हो जाता है तो एसिडिटी की समस्या होती है और कम Acidic हो जाने पर पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। आंवला पेट के गैस्ट्रिक एसिड का ph लेवल सामान्य स्तर पर बनाये रखता है।