चमेली के फूल या jasmine का नाम तो आपने सुना ही होगा ,रात को आते जाते जहां भी आपको रात की रानी के पौधे पर लगे फूलों की खुशबू मिल जाती होगी, मन मानो इस तरह कहने लगता होगा कि अब बस यही रात गुजार दी जाए। क्योंकि रात की रानी के फूलों कि खुशबू होती ही इतनी मन को भाने वाली होती है।
पर एक बात देखा गया है कि लोग चमेली , बेला , रात की रानी आदि नामों से बहुत confuse रहते हैं , या कहें कि इन फूलों कि सही पहचान नहीं है बहुत से लोगों को । नीचे image के साथ फूलों के नाम दिये गए हैं जिनसे इन्हे पहचानने मे आपको हेल्प मिल सकती है ।
इसकी अलग अलग क़िस्मों को हम चमेली , बेला , गंधराज , मोगरा , मल्लिका आदि नामों से जानते हैं ये सब jasmine फूल की ही प्रजातियाँ है ।
सामान्य रूप से यह सफ़ेद रंग की होती है पर कुछ किस्में पीले, नीले व गुलाबी रंग की भी होती हैं ।
इसी खुशबू की वजह से इसे रात की रानी का नाम दिया गया है। आइए आपको अपनी इस पोस्ट में हम चमेली यानि रात की रानी के पौधे को लगाने की विधि के बारे में बताते हैं ताकि आप भी अपने बगीचे को महका सकें।
चमेली (Jasmine) के पौधे को सबसे ज्यादा कलम काटकर लगाया जाता है। ऐसे में यदि आप कलम विधि के द्वारा चमेली का पौधा लगाते हैं, तो इसे सबसे बेहतर माना जाता है। क्योंकि इसमें कलम के पौधा बनने की सबसे ज्यादा संम्भावना रहती है।
इसके लिए आप सबसे पहले चमेली के किसी अच्छे पौधे से 5 से 10 कलम काट लें। इसके बाद आप आप इसे मिट्टी में लगा दें। इससे यदि आपकी दो चार कलम खराब भी हो जाती हैं, तो भी आपका काम आसानी से हो जाएगा।
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