नन्दा देवी पर्वत भारत की दूसरी एवं विश्व की 23वीं सर्वोच्च चोटी है। इससे ऊंची व देश में सर्वोच्च चोटी कंचनजंघा है। नन्दा देवी शिखर हिमालय पर्वत शृंखला में भारत के उत्तराखंड राज्य में पूर्व में गौरीगंगा तथा पश्चिम में ऋषिगंगा घाटियों के बीच स्थित है। इसकी ऊंचाई 7816 मीटर है।नंदा देवी पर्वत उत्तराखंड के अंतर्गत गढ़वाल मंडल के चमोली जिले मेंं स्थित है। पर्वत हिमालय के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्वतशिखर है। जिसकी चमोली से दूरी 32 मील पूर्व है।
नंदा देवी पर्वत शिखर में दो जुड़वाँ चोटियाँ हैं, जिनमें से नंदादेवी चोटी समुद्रतल से 25,645 फुट ऊँची है।नंदादेवी पर्वत चारों ओर से पर्वतीय दीवारों से घिरी है, जो 70 मील की परिधि में फैली हैं।1934 ई. में प्रथम बार इस परिधि में प्रवेश किया गया था।अंग्रेज-अमेरिकी पर्वतारोही दल ने सर्वप्रथम 1936 ई. में इस पर विजय प्राप्त की थी।नंदा देवी पर्वत, उत्तराखंड पर सब लोगो का मानना है कि भगवान भोलेनाथ जी की पत्नी माता पार्वती जिन्हें नंदा माँ के नाम से भी जाना जाता है उनका वास है इस पर्वत पर तभी इसका नाम नंदा देवी पर्वत है।
नंदा देवी हिमशिखर के मार्ग में आने वाले पहाड़ काफी तिरछे हैं। ऑक्सीजन की कमी के कारण खड़ी चढ़ाई पर आगे बढ़ना एक दुष्कर कार्य है। यही कारण है कि इस नंदा देवी पर्वत, उत्तराखंड पर जाने के इच्छुक पर्वतारोहियों को बहुुत ही परेसानी होती है।माँ नंदा देवी उत्तराखंड की मुख्य देवी है, इनके बहुत मंदिर है छोटे बड़े पर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में माँ नंदा देवी का बहुत प्रमुख मंदिर है जिसे नैना देवी या नंदा देवी मंदिर कहते है । और यहा पर नैना (नंदा) देवी की एक खूबसूरत झील भी है जो नैनी झील के नाम से प्रशिद्ध है इस मंदिर की बहुत मान्यता है। और माँ नंदा देवी का एक बहुत ही सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और मान्यता वाला मंदिर हिमांचल प्रदेश में स्थित है इस नंदा देवी मंदिर में हर साल काफी श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते है।
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