मेहनत पर किस्मत भारी: आंकड़ों में जानें आईपीएल में टॉस

in blurtindia •  2 years ago 

मैच में टॉस की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टॉस जीतने वाली टीम के मैच जीतने की संभावना विपक्षी टीम के मुकाबले 10 प्रतिशत बढ़ जाती है, भले वह टीम कमजोर क्यों न हो।आईपीएल धीरे-धीरे मेहनत से ज्यादा किस्मत का खेल बनता जा रहा है। 'टॉस जीतो मैच जीतो' की नीति खिलाड़ियों की मेहनत पर भारी पड़ रही है। इस सीजन टॉस जीतने वाली ज्यादातर टीमों ने बाद में बल्लेबाजी का फैसला लिया और इसमें से 85 फीसदी मैचों में रन चेज करने वाली टीम जीती। सिर्फ इसी सीजन नहीं आईपीएल 2022 से पहले छह सीजन में भी ऐसा ही हुआ था। तो क्या अब अच्छा खेलने से ज्यादा आईपीएल में टॉस जीतना ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है? आइए आंकड़ों में जानते हैं...

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आईपीएल 2016 से लेकर आईपीएल 2021 तक के रिकॉर्ड पर गौर किया जाए तो टॉस जीतकर बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीमों की जीत की उम्मीदें 40 फीसद बढ़ जाती हैं। 2016 से लेकर 2021 तक लीग के छह सीजन में कुल 364 मैच खेले गए। इसमें पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों को 150 मैचों में जीत मिली। वहीं, बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीमों को 214 मैचों में जीत हासिल हुई।मैच जीतने की संभावनाओं में 40 प्रतिशत इजाफा होने की वजह से यह खेल क्रिकेट के उस मूल सिद्धांत के खिलाफ जाता है जिसमें कहा जाता है कि क्रिकेट स्किल पर आधारित है। टॉस से पहले यह सब जानते होते हैं कि इसे जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी का ही फैसला लेगा। इस दौरान दोनों कप्तान अपनी किस्मत के सहारे होते हैं।

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर सबा करीम कहते हैं- यह चलन काफी चौंकाने वाला है। पावर हिटर्स की मौजूदगी से सभी टीमों को अपनी रणनीति पर फिर से काम करने के लिए प्रेरित किया है। वह मैच से पहले सोचते हैं कि उनकी टीम के पास नंबर पांच या नंबर छह पर कोई पावर हिटर है या नहीं। ऐसे में उनके लिए चेज करना आसान हो जाता है और वह पहले गेंदबाजी चुनते हैं। इस फॉर्मेट में अब बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीमों के पास जीत दर्ज करने का ज्यादा मौका होता है।एक स्पोर्ट्स वेबसाइट के स्टैट्स एडिटर एस राजेश कहते हैं- बाद में बल्लेबाजी करने के फैसले में ओस की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। अगर आप पिछले कुछ सीजन खासकर 2019 और 2021 को देख रहे हैं, तो टीम को पहले गेंदबाजी करने का काफी फायदा हुआ। पहले पांच से सात ओवर तक गेंद सूखी रहती है और गेंदबाजी करना आसान होता है। वहीं, बाद में ओस की वजह से गेंद गीली हो जाने पर उस पर ग्रिप बनाना मुश्किल होता है।

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