चेन्नई सुपर किंग्स अपनी फॉर्म को वापस हासिल करना चाहेगी. {Day19}

in blurtindia •  4 years ago 

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इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें संस्करण में दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में मंगलवार को सनराइजर्स हैदरबाद के खिलाफ उतरने वाली चेन्नई सुपर किंग्स अपनी फॉर्म को वापस हासिल करना चाहेगी. तीन बार की विजेता चेन्नई पिछले सात मैचों में सिर्फ दो मैच ही जीत पाई है. आईपीएल में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि चेन्नई खेली और प्लेऑफ में न पहुंची हो. उसके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हर बार टीम को शीर्ष-4 में ले जाते हैं लेकिन इस बार यह काफी मुश्किल या यू कहूं असंभव सा लग रहा है. देखना होगा कि करिश्माई कप्तान धोनी यहां से क्या करिश्मा करते हैं. इसके लिए जरूरी है कि उसके बल्लेबाज चलें.

धोनी ने भी पिछले मैच में माना था कि उनकी बल्लेबाजी में तमाम खामियां हैं, जिन पर काम करने की जरूरत .
क्या बदलाव, क्या सुधार धोनी और टीम प्रबंधन करता है यह देखना होगा. शेन वॉटसन और फॉफ डु प्लेसिस के अलावा कोई और बल्लेबाज फॉर्म में नहीं हैं. अंबाती रायडू भी वापसी के पास कुछ खास नहीं कर पाए हैं. केदार जाधव की जगह पिछले मैच में एन. जगदीशन को मौका दिया गया था. उन्होंने संयम के साथ बल्लेबाजी करते हुए प्रभावित भी किया था. धोनी, रवींद्र जडेजा और ड्वेन ब्रावो भी उस तरह की पारी नहीं खेल पाएं जिसकी टीम को जरूरत है. यह सभी चिंताएं चेन्नई के लिए बड़ी परेशानी है जो उसे सुलझानी है.

गेंदबाजी में टीम वैसे अच्छा कर रही है. उसके गेंदबाज विपक्षी टीमों को ज्यादा रन नहीं बनाने दे रहे हैं. शार्दुल ठाकुर को शुरुआती मैचों में मौका नहीं मिला था लेकिन जब से उन्हें मौका मिला है वो अच्छा कर रहे हैं. दीपक चहर भी अच्छी लय में हैं. सैम कुरैन की गेंदबाजी से भी धोनी खुश हैं. स्पिन में जडेजा और कर्ण शर्मा हैं. चेन्नई को हैदराबाद के खिलाफ अपनी बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान देना होगा क्योंकि हैदराबाद का गेंदबाजी आक्रमण शानदार है. टी. नटराजन, संदीप शर्मा ने भुवनेश्वर कुमार की कमी को ज्यादा खलने नहीं दिया है. स्पिन में टीम के पास राशिद खान जैसा हथियार है.

बल्लेबाजी में जॉनी बेयरस्टो और डेविड वार्नर फॉर्म में हैं और मनीष पांडे ने भी पिछले मैच में 54 रनों की पारी खेली. केन विलियम्सन जैसा बल्लेबाज भी टीम के पास है. हैदराबाद के लिए जरूरी है कि यह चारों बल्लेबाजों में कोई न कोई चले और अंत तक खड़ा रहे नहीं तो टीम का सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है. प्रियम गर्ग और अभिषेक शर्मा निचले क्रम में हैं लेकिन लगातार अच्छा न कर पाना उनकी कमजोरी रही. दोनों में काबिलियत तो है लेकिन उसका निरंतर इस्तेमाल इन दोनों के लिए भी जरूरी है और टीम के लिए भी

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