मोहब्बत किसे कहते है? क्या दो लोगो के बीच रोज कॉलेज के बाद मिलना ये मोहब्बत है? क्या हर शाम खिड़की से दीदार करना ये मोहब्बत है? क्या किसी को हर सुबह हर शाम गुड मॉर्निंग गुड इवनिंग और गुड नाइट करना ये मोहब्बत है?
नही मेरे हिसाब से मानो तो ये मोहब्बत है ही नही, ये एक बात करने और दिल को बहलाने का जरिया है बस और कुछ नही,
मोहब्बत तो वो है जो इंसान को इंसान बनाती है इंसान को जीना सिखाती है, एक भटके हुए दिल को सही रास्ते पर लाती है जो मोहब्बत सही रास्ते वाले को भटका दे वो तो मोहब्बत है ही नही, जो हर हाल मे साथ रहने का वादा करते है चाहे जैसी भी परेशानी आए साथ मे उस परेशानी को दूर कर लेंगे कह कर एक दूसरे को तसल्ली दिलाते है, जबकि उन्हे पता है के इतने लोगो से लड़ना आसान नही है, मोहब्बत तो एक ऐसा शब्द है जिसको करने वालो की सुनने वालो ने दास्ताने लीख दी है, मोहब्बत तो वो है जो एक दिल से दूसरे दिल तक की सफर करे बस उसके अलावा तीसरा दिल आए ही ना, लेकिन ये मोहब्बत करने वाले अब मिलते कहा है साहब और अगर मिल जाए ऐसे तो फिर उन्हे लोग मिलने कहा देते है।
मोहब्बत की आखीरी शब्द कहना है मुझे, की मोहब्बत कभी आखीरी नही होती ये शुरू होती है बस आखिर इसमे आता ही नही क्युकी सच्ची मोहब्बत कभी खत्म होती ही नही है ये तो साहब जन्नत तक का सफर साथ निभाती है।
जिसे मोहब्बत ऐसी हो जाए उसे फिर दुनिया से और क्या चाहिए, जान जाने तक अपनी मोहब्बत को किसी और की हाथो मे नही देख सकते।