हम जिस समाज में रहते हैं वह प्यार व मुहब्बत , सौहार्य और व आपसी मेल जोल का मोहताज हैं , शिक्षा को पहले की अपेक्षा बढ़ावा मिलने के बावजूद आज भी सौहार्द और आपसी मेल जोल का अभाव होता जा रहा है रिश्ते नातों में दूरियां पैदा हो रही हैं मेल मिलाप कम हो रहा है , कहीं पर भागदौड़ की जिन्दगी जिम्मेदार है तो कहीं पर आपसी झगड़े को कारण माना जा रहा है । सवाल यह है कि इन सब समस्याओं पर कैसे काबू पाया जाये , आज जो रिश्ते नाते बिखर रहे हैं दूरियां बढ़ रही हैं तो इसकी क्या वजह हैं इस्लाम ने इन सब समस्याओं पर काबू पाने के लिये जो सिद्धांत बताये और शिक्षा दी है वह हमारे लिये दिशा निर्देश की हैसियत रखता इस्लाम का यह हुक्म है कि किसी से बात करो तो नर्मी से से से बात करो , बात चीत में किसी तरह की सख्ती और कड़वाहट नहीं होनी चाहिये । छोटा हो या बड़ा अदब के दायरे में रह कर बात चीत करनी चाहिये । आज स्थिति ( सूरते हाल ) यह है कि हम मामूली मामूली बात पर मुश्तइल ( भड़क ) जाते हैं , झगड़े पर उतारू हो जाते हैं , तू तू मैं की वजह से रिश्ता जुदाई से बदल जाता है जबकि हमें दूसरों भी नर्मी के साथ बात चीत करने और उनके साथ अच्छा व्यवहार करने का हुक्म दिया गया है । एक मौके पर रसूल ० अ ० व ० ने फरमाया कि कबीरा गुनाहों ( महा पापों ) में से एक यह भी है कि आदमी अपने माता पिता को गाली दे सहाबा ने पूछा ऐ अल्लाह के सन्देष्टा क्या आदमी अपने मां बाप को भी गाली देता है ? आपने फरमाया एक शख्स किसी के बाप को गाली देता है वह पलट कर उसके बाप को गाली देता है इसी तरह वह उसकी मां को गाली देता है तो जवाब में वह उसकी मां को गाली देता है । इसी लिये इस्लाम ने यह नहीं कहा है कि अगर तुम्हें किसी ने गाली दी है तो तुम भी उसको गाली दो , बल्कि गलती करने वाले या गाली देने वालों को नर्मी से समझाने बुझाने पर जोर दिया क्यों कि सखती करने से मामला आम तौर पर बिगड़ जाता है अल्लाह से दुआ है हम एक है दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें और रिश्ते नातों का ख्याल रखें क्या आदमी अपने मां बाप को भी गाली देता है ? आपने फरमाया एक शख्स किसी के बाप को गाली देता है वह पलट कर उसके बाप को गाली देता है इसी तरह वह उसकी मां को गाली देता है तो जवाब में वह उसकी मां को गाली देता है । इसी लिये इस्लाम ने यह नहीं कहा है कि अगर तुम्हें किसी ने गाली दी है तो तुम भी उसको गाली दो , बल्कि गलती करने वाले या गाली देने वालों को नर्मी से समझाने बुझाने पर जोर दिया क्यों कि सखती करने से मामला आम तौर पर बिगड़ जाता है अल्लाह से दुआ है हम एक है दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें और रिश्ते नातों का ख्याल रखें क्या आदमी अपने मां बाप को भी गाली देता है ? आपने फरमाया एक शख्स किसी के बाप को गाली देता है वह पलट कर उसके बाप को गाली देता है इसी तरह वह उसकी मां को गाली देता है तो जवाब में वह उसकी मां को गाली देता है । इसी लिये इस्लाम ने यह नहीं कहा है कि अगर तुम्हें किसी ने गाली दी है तो तुम भी उसको गाली दो , बल्कि गलती करने वाले या गाली देने वालों को नर्मी से समझाने बुझाने पर जोर दिया क्यों कि सखती करने से मामला आम तौर पर बिगड़ जाता है अल्लाह से दुआ है हम एक है दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें और रिश्ते नातों का ख्याल रखें
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