अलका याग्निक जानी-मानी एक भारतीय पार्श्वगायिका हैं. अलका याग्निक ने अपने तीन दशक पुराने करियर में एक से बढकर एक गीत में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया हैं.लता मंगेशकर ओर आशा भोसले के बाद किसी गायिका का नाम लिया जाता हैं तो वह अलका याग्निक ही हैं. अलका याग्निक के इसी हुनर के कारण उन्हें कई बार नेशनल अवार्ड और फिल्मफेयर से सम्मानित किया जा चुका हैं.बॉलीवुड में लंबे समय के लिए अपने आप को स्थापित कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं है खासकर गायन से जुड़े लोगों के लिए. क्योंकि यह वह क्षेत्र है जहां पर गायकों के पास केवल आवाज है और वे इसी के माध्यम से कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. इसमें कुछ गायक तो कामयाब हो जाते हैं तो कुछ फिल्मी दुनिया की भीड़-भाड़ में खो जाते हैं. लेकिन पार्श्वगायिका अलका याज्ञनिक (Alka Yagnik) के मामले में ऐसा कुछ नहीं है.
के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो यह थी कि जब उन्होंने गायन को अपना कॅरियर चुना तो उनके सामने भारत की सुर कोकिला लता मंगेश्कर और आशा भोसले थीं. तब उनके लिए अपने आप को साबित कर पाना असंभव सा था क्योंकि संगीत निर्देशक लता-आशा जी को छोड़कर किसी और पर विश्वास करने का रिस्क नहीं उठा सकते थे.
अब निर्माता इन पर भरोसा कर सकते हैं
(Alka Yagnik) भी कहां हार मानने वाली थीं. शुरुआत में तो उन्हें बहुत ही कम गाने का मौका मिला लेकिन 1988 में आई फिल्म ‘तेजाब’ के लिए गाया ‘एक दो तीन’ इतना सुपरहिट हुआ कि वह रातों रात स्टार बन गईं. उनके इस गाने के बाद न केवल संगीत के दीवाने उनकी आवाज पर फिदा हो गए बल्कि उन्हें बॉलीवुड के कई बड़े प्रोजेक्ट भी मिले.(Alka Yagnik) को दुनिया के सामने लाने में सबसे बड़ी भूमिका संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की है. लेकिन बाद के संगीतकारों ने भी उन्हें तराशने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई जिसमे नदीम-श्रवन, जतिन-ललित, आनंद मिलिंद, राजेश रोशन आदि शामिल हैं. उन्होंने उदित नारायण, कुमार सानू और सोनू निगम जैसे कलाकारों के साथ मिलकर कई हिट गाने दिए.
अल्का जी अबतक फिल्मफेयर अवार्ड के लिए 36 वक्त नामांकन हो करके सात बार फिल्मफेयर अवार्ड अवार्ड का सन्मान प्राप्त कर चुके है। अलका जी लता मंगेशकर को अपनी प्रेरणा के रूप में देखती है। उन्होंने अपनी माता के अलावा लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल एव कल्याणजी-आनंदजी के पास से गायन सीखा है। उन्होंने वैसे तो अनेक शैलियों में अपनी आवाज से गाने गाए। लेकिन उन्हें अपनी रोमांटिक शैली को सबसे अच्छी लगती है। तो चलिए अलका याज्ञिक बायोग्राफी बताते है।