My present and future life.

in article •  3 years ago  (edited)
  1. Political area: rigginglitician during election time, i.e. intimidating the voters, intimidating, i.e. blackm em money. Sometimes to strike the goverent in an unethical and inappropriate time to overthrow the government, that is, to oppose the government and to create a situation of change of party by a politician so that the government falls, that is, the political situation deteriorates. Or exploiting the excellent leaders of any organization in public so that politics does not run smoothly. In these areas I will teach the constitutional text to the people in public and tell them my importance in the light of the constitution. I will put an end to unclean customs and work to enforce right customs in them.
    2) ADMINISTRAL LINE: Misuse of power and authority by a leader or teacher, i.e. grandfathering and weekly collection by a traffic police and taking bribe in an unethical manner. Leaving him by committing the sin of taking bribe and arresting an ordinary person for the crime of giving bribe and later taking bribe from him and releasing him. I will put an end to this impractical and fallen work and liberate people from these things in a public way.
    3) Religious Department: Misinterpretation of one's religion by any religious guru and sarcasm while violating religious rules and principles and attacking its dignity and sovereignty. I will teach a lesson to those who propagate and spread religion falsely and to those who tear apart its dignity. And I will force them to interpret the religion correctly by reading the correct text. So that everyone can work with faith in their religion.
    4) Educational Institutions: Corruption in the Department of Education means violation of institutional rules and principles by any student or teacher. That is, not doing the institutional work properly by concentrating. Against such people I will force them to act correctly by making personal sarcasm in them. So that people can do the work of reading and writing correctly.

    1. Economic system: Our country India could not become a superpower due to the ill effects of corruption. That is, one rupee is equal to one dollar, but the sad thing is that with the passage of time, some politicians came in the car as passengers, who were and are destroying the Indian economy.
    2. I will eliminate the ongoing disagreement between husband and wife within the society. And by showing them the true picture of their importance, I will tell them the logic of living family life properly.
      1. I will put an end to disagreement between parents and children. I will teach the child the correct lesson of the importance of his parents. And I will help them to follow their ideals.
      2. I will put an end to the rudeness going on in the society.
        The realization of dreams is for those aspiring individuals who work with the right attitude and right thinking and determination throughout their lives. Because success and failure are an integral part of human life. No Lakshman-Rekha is drawn on this, on which one has to depend. Karma needs to be done to fulfill the resolutions taken, to get success one has to do things which a failed person does not want to do. Success requires fighting failure. History bears witness to the fact that no great man has succeeded without fail. To achieve this, hard work and struggle and every possible effort is required. It is necessary to maintain self-confidence to make an effort. The realization of dreams is unbelievable. There is no lack of power between a successful and a failed person. Or lack of education. Due to which he is afraid of negative depression. That is, he cannot muster the desire to make his dreams come true.
        Finally, pray to God to give u
    संघर्ष का दूसरा नाम जीवन है । अतीत काल से लेकर वर्तमान समय तक विश्व के भीतर प्रत्येक जीवधारी प्राणी अपने प्रतिष्ठा एवं मान मर्यादा के प्रति संघर्षरत रहे हैं। इतिहास इस बात पर साक्षी है ,कि जिसने संघर्ष किया उसने सफलता प्राप्त की और जो संघर्ष को त्याग किया वह अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाया और उसने अपने जीवन को नर्क समान बना लिया । क्योंकि संघर्ष ही है, जो जीवन को प्रकृति के साथ ,स्वयं के साथ और परिस्थितियों के साथ संतुलित रूप से जोड़ता है । वास्तव में जब व्यक्ति अपने संघर्षों से प्रेम करता है प्रसन्नता के साथ उसे अपना लेता है और उत्साह के साथ चलता है, तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने आपको व्यवस्थित कर लेता है, जब हम अपने जीवन में संघर्ष करते हैं तभी हमें अपने बल व सामर्थ्य का पता चलता है। संघर्ष करने से ही आगे बढ़ने का हौसला और आत्मविश्वास मिलता है। कर्म जीवन की वह धूरी है, जिसके साथ चल कर हम विश्व के विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सकते हैं । हम कर्म किए बिना अपने जीवन को आरामदायक नहीं बना सकते क्योंकि कर्म ही है ,जो मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ बनाता है।
    

    विश्व की यह प्राकृतिकीय सिद्धांत रही है, कि कर्म करोगे तो फल मिलेगा ठीक इसी संदर्भ में ईश्वरीय ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है, कि जिसका अर्थ है" कि मनुष्य को केवल वही मिलेगा जिसके लिए उसने संघर्ष किया है" परंतु दुखदाई बात यह है कि सफलता की चाहत एवं उमंग तो सभी करते हैं लेकिन उस सफलता को पाने के लिए आवश्यक संघर्षों से जी चुराते हैं।
    विश्व के भीतर ऐसे अनेक लोग मिलेंगे जिसका कोई भविष्य का टारगेट नहीं होता है। वे अपने जीवन को जैसे- तैसे गुजार देते हैं। इन्हीं उपर्युक्त बातों को दिल व दिमाग में रखते हुए, मैंने कर्म करने का संकल्प लिया और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग स्वीकार किया है।फल स्वरूप ,वर्तमान समय में मैं सामाजिक विज्ञान से पढ़ाई कर रहा हूं और b.ed की पढ़ाई कर रहा हूं।बचपन से लेकर जवानी की उम्र तक मैंने सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई की है, जिसमें हमने उन चीजों को अधिक महत्व दिया है ,जो चीजें समाज से या सामाजिक लोगों से जुड़ी हुई हो। इन्हीं मूल सिद्धांत के साथ में काफी संघर्ष कर रहा हूं। इसे सकार ने के लिए हर संभव प्रयास रत रहने का प्रयत्न कर रहा हूं।
    भविष्य में मुझे एक सामाजिक एवं समाज सुधारक के रूप में काम करना चाहता हूं। मैं समाज और परिवेश के भीतर जितने भी भ्रष्टाचार हैं, उन समस्त भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों का जड़ समाज से उखाड़ फेंकना चाहता हूं। जो भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से ग्रस्त हैं या भ्रष्टाचारियों का रंग मंच बन चुका है ,उन समस्त क्षेत्र की शुद्धिकरण करना चाहता हूं। जो लोग सामाजिक गुंडों एवं भ्रष्टाचारियों से ऊब कर अपने जीवन जीने की आशा छोड़ दिया है, उन समस्त लोगों को मैं जागरूक करके उनके अंदर जीवन जीने का हौसला पैदा करना चाहता हूं। उनमें एक ऐसी चाहत और उमंग भर दूंगा, कि वह भ्रष्टाचार एवं बुराई को फैलाने वाले लोगों के सामने खड़े होकर अपने जीवन को परिभाषित करके सही ढंग से व्यतीत करने में सक्षम हो सकें।ऐसी चाहत एवं उमंग उनके दिलो-दिमाग में बसाना चाहता हूं ,जिससे वह अपनी जिंदगी सकारात्मक दृष्टिकोण से जीने में सामर्थ्य हो सकें। मैं एक समाज सुधारक के रूप में भविष्य की जिंदगी जीना चाहता हूं। जिनमें से विशेषकर उन विषयों में संघर्षरत रहुंगा, जो निम्नलिखित हैं:-
    १)राजनीतिक क्षेत्र: चुनावी समय में किसी भी राजनेता द्वारा मतदान केंद्र में धांधली करवाना यानी मतदाताओं को डराना-धमकाना, भयभीत करना अर्थात मतदाताओं को ब्लैकमेल करना उनको रुपया-पैसा देकर वोट के रूप में खरीदना। कभी-कभी सरकार गिराने के लिए जनता के द्वारा अनैतिक व अनुचित रूप से अमुनासिब समय में हड़ताल करना अर्थात सरकार का विरोध करना तथा किसी राजनेता द्वारा दल-बदल की स्थिति उत्पन्न करना जिससे सरकार गिर जाए अर्थात राजनितिक परिस्थितियां खराब हो जाए। या किसी भी संगठन के उत्कृष्ट नेताओं को सार्वजनिक शोषण करना,जिससे राजनीति सही ढंग से न चल सकें। इन क्षेत्रों में मैं संविधानिक पाठ सार्वजनिक रूप से लोगों को पढ़ाऊंगा और संविधान की प्रकाश में उन्हें अपनी महत्वता बताऊंगा। अशुद्ध रीतिि-रिवाजों का अंत करूंगा और उसमें सही रीति रिवाज लागू करने का काम करूंगा।
    २) प्रशासनिक अस्तर: किसी नेता या अध्यापक द्वारा अपने पावर एवं शक्ति का दुरुपयोग करना यानी दादागिरी करना तथा किसी यातायात पुलिस द्वारा हफ्ता वसूली करना एवं अनैतिक ढंग से रिश्वत लेना।किसी पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति को किसी विशेष नियम का उलंघ्घन करते हुए पकड़ना और रिश्वत लेने का पाप करके उसे छोड़ देना तथा किसी साधारण व्यक्ति को रिश्वत देने के जुर्म में गिरफ्तार करना और बाद में उसी से रिश्वत लेकर के छोड़ देना। इस अव्यवहारिक एवं गिरा हुआ काम को खत्म करूंगा और सर्वजनिक ढंग से लोगों को इन चीजों से स्वतंत्रता दिलाऊंगा।
    ३) धार्मिक विभाग: किसी भी धार्मिक गुरु द्वारा अपने धर्म का गलत व्याख्या करना और धार्मिक नियमों एवं सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए उसकी मान मर्यादा एवं संप्रभुता पर वार करते हुए कटाक्ष करना। धर्म के गलत प्रचार और प्रसार करने वाले लोगों को एवं उसकी मान मर्यादा की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों को सबक सिखाऊंगा। और उन्हें सही पाठ पढ़ा कर के धर्म की सही व्याख्या करने पर बाध्य करूंगा। ताकि प्रत्येक लोग अपने धर्म के ऊपर विश्वास के साथ काम कर सकें।
    ४) शैक्षिक संस्थान: शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का अर्थ, किसी भी विद्यार्थी तथा शिक्षक द्वारा संस्थानिक नियमों एवं सिद्धांतों का उल्लंघन करना। अर्थात मन लगाकर के संस्थानिक कार्यों को सही रूप से ना करना। ऐसे लोगों के विरुद्ध मैं उनमें व्यक्तिगत कटाक्ष करके सही ढंग से काम करने में बाध्य करूंगा। ताकि लोग सही ढंग से पढ़ाई लिखाई का कार्य कर सकें।
    ५) आर्थिक व्यवस्था: हमारा देश भारत भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव से ग्रस्त होने के कारण महाशक्ति नहीं बन सकीं।यह बात सत्य है,कि जब हमारा देश ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्र हुआ उस समय भारतीय मुद्रा यानी रूपया का महत्व अमरीकन मुद्रा यानी डॉलर के स्वरूप था अर्थात एक रूपया बराबर एक डॉलर, पर दुखदाई बात यह है, कि समय के साथ चलती हुई गाड़ी में कुछ ऐसे राजनेता यात्री बनकर आए, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर रहे थे और कर रहे हैं। भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक देश है जहां जनता के द्वारा सार्वजनिक ढंग से सरकार चलाई जाती है,अर्थात राजनितिक व्यवस्था की शुद्ध निरहुआ होती है परंतु आश्चर्यजनक बात यह है, कि इसके राजनेता इसकी सम्पत्ति को जनता की सेवा में कम चुनावी रैलीयों में ज्यादा खर्च करते हैं। वर्तमान समय में कुछ राजनेता ऐसे हैं जो अपने पावर का उपयोग स्वार्थ एवं निजी लाभ में करते हैं यानी राजनीतिक मान-मर्यादा से हटकर अंधे होकर अपने देश में अवैचारिक एवं अनैतिक ढंग से कार्य करते हैं,ऐसे राजनेता अपने देश के प्रति भविष्य में अर्थव्यवस्था खराब करने का जिम्मेवार होंगे। ऐसे उबड़-खाबड़ एवं असहमति अर्थात लूट मार की खा स्थितियों में, मैं आम लोगों के अंदर जागरूकता फैलाउंगा। और लोगों को अपने अधिकार मांगने का सामर्थ्य बनाउंगा।
    ६) समाज के भीतर पति पत्नी के बीच चल रही असहमति को खत्म करूंगा। और उन्हें अपने महत्व का सही तस्वीर दिखाकर उन्हें ठीक ढंग से पारिवारिक जिंदगी जीने का तर्क बताऊंगा।
    ७) माता पिता एवं संतान के बीच असहमति का अंत करूंगा। संतान को अपने माता-पिता की महत्वता की सही पाठ पढ़ाऊंगा। और उन्हें उनके आदर्शों का पालन करने में सहायता करूंगा।
    ८) समाज के अंदर चल रही बदतमीजी को खत्म करूंगा ।और हर छोटे बड़े इंसान को अपने बड़ों की प्रतिष्ठा करने का निर्देश करूंगा और अपने से छोटों से प्यार करने का पाठ पढ़ाऊंगा।
    सपनों की प्राप्ति उन महत्वकांक्षी व्यक्तियों के लिए हैं जो जीवन भर सही दृष्टिकोण एवं सही सोच और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करते हैं। क्योंकि सफलता एवं असफलता मानवीय जीवन का अभिन्न अंग है। इस पर कोई लक्ष्मण-रेखा खींचा नहीं होता, जिस पर निर्भर रहा जाए।कोई व्यक्ति जीवन भर सफल नहीं रहता तथा अजीवन असफल भी नहीं रहता। लिये गये संकल्पों को पूरा करने के लिए कर्म करने की आवश्यकता है ,सफलता पाने के लिए उन कार्यों को करना होगा, जिन्हें एक असफल व्यक्ति करना नहीं चाहता है। सफलता पाने के लिए असफलता से जूझना पड़ता है। इतिहास इस बात पर साक्षी है कि कोई भी महापुरुष बिना असफल हुए सफल नहीं हुए हैं।इसे पाने के लिए कड़ी मेहनत एवं
    संघर्ष तथा हर संभव प्रयत्न करने की आवश्यकता पड़ती है।इसे प्रयास करने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना आवश्यक है। इसके अपेक्षा सपनों की प्राप्ति अविश्वसनीय है। एक सफल असफल व्यक्ति के बीच शक्ति की कमी नहीं होती है। अथवा शिक्षा की कमी होती है ।जिसे कारण वह नकारात्मक अवसाद से भयभीत रहता है।अर्थात अपने सपनों को साकार करने की इच्छा नहीं जुटा पाता।
    अंत में, इश्वर से प्रार्थना है,कि अपने कर्तव्य को सुचारू ढंग निभाने की शक्ति प्रदान करें!

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  ·  3 years ago  ·  

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