विश्व की यह प्राकृतिकीय सिद्धांत रही है, कि कर्म करोगे तो फल मिलेगा ठीक इसी संदर्भ में ईश्वरीय ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है, कि जिसका अर्थ है" कि मनुष्य को केवल वही मिलेगा जिसके लिए उसने संघर्ष किया है" परंतु दुखदाई बात यह है कि सफलता की चाहत एवं उमंग तो सभी करते हैं लेकिन उस सफलता को पाने के लिए आवश्यक संघर्षों से जी चुराते हैं।विश्व के भीतर ऐसे अनेक लोग मिलेंगे जिसका कोई भविष्य का टारगेट नहीं होता है। वे अपने जीवन को जैसे- तैसे गुजार देते हैं। इन्हीं उपर्युक्त बातों को दिल व दिमाग में रखते हुए, मैंने कर्म करने का संकल्प लिया और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग स्वीकार किया है।फल स्वरूप ,वर्तमान समय में मैं सामाजिक विज्ञान से पढ़ाई कर रहा हूं और b.ed की पढ़ाई कर रहा हूं।बचपन से लेकर जवानी की उम्र तक मैंने सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई की है, जिसमें हमने उन चीजों को अधिक महत्व दिया है ,जो चीजें समाज से या सामाजिक लोगों से जुड़ी हुई हो। इन्हीं मूल सिद्धांत के साथ में काफी संघर्ष कर रहा हूं। इसे सकार ने के लिए हर संभव प्रयास रत रहने का प्रयत्न कर रहा हूं।भविष्य में मुझे एक सामाजिक एवं समाज सुधारक के रूप में काम करना चाहता हूं। मैं समाज और परिवेश के भीतर जितने भी भ्रष्टाचार हैं, उन समस्त भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों का जड़ समाज से उखाड़ फेंकना चाहता हूं। जो भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से ग्रस्त हैं या भ्रष्टाचारियों का रंग मंच बन चुका है ,उन समस्त क्षेत्र की शुद्धिकरण करना चाहता हूं। जो लोग सामाजिक गुंडों एवं भ्रष्टाचारियों से ऊब कर अपने जीवन जीने की आशा छोड़ दिया है, उन समस्त लोगों को मैं जागरूक करके उनके अंदर जीवन जीने का हौसला पैदा करना चाहता हूं। उनमें एक ऐसी चाहत और उमंग भर दूंगा, कि वह भ्रष्टाचार एवं बुराई को फैलाने वाले लोगों के सामने खड़े होकर अपने जीवन को परिभाषित करके सही ढंग से व्यतीत करने में सक्षम हो सकें।ऐसी चाहत एवं उमंग उनके दिलो-दिमाग में बसाना चाहता हूं ,जिससे वह अपनी जिंदगी सकारात्मक दृष्टिकोण से जीने में सामर्थ्य हो सकें। मैं एक समाज सुधारक के रूप में भविष्य की जिंदगी जीना चाहता हूं। जिनमें से विशेषकर उन विषयों में संघर्षरत रहुंगा, जो निम्नलिखित हैं:- १)राजनीतिक क्षेत्र: चुनावी समय में किसी भी राजनेता द्वारा मतदान केंद्र में धांधली करवाना यानी मतदाताओं को डराना-धमकाना, भयभीत करना अर्थात मतदाताओं को ब्लैकमेल करना उनको रुपया-पैसा देकर वोट के रूप में खरीदना। कभी-कभी सरकार गिराने के लिए जनता के द्वारा अनैतिक व अनुचित रूप से अमुनासिब समय में हड़ताल करना अर्थात सरकार का विरोध करना तथा किसी राजनेता द्वारा दल-बदल की स्थिति उत्पन्न करना जिससे सरकार गिर जाए अर्थात राजनितिक परिस्थितियां खराब हो जाए। या किसी भी संगठन के उत्कृष्ट नेताओं को सार्वजनिक शोषण करना,जिससे राजनीति सही ढंग से न चल सकें। इन क्षेत्रों में मैं संविधानिक पाठ सार्वजनिक रूप से लोगों को पढ़ाऊंगा और संविधान की प्रकाश में उन्हें अपनी महत्वता बताऊंगा। अशुद्ध रीतिि-रिवाजों का अंत करूंगा और उसमें सही रीति रिवाज लागू करने का काम करूंगा।२) प्रशासनिक अस्तर: किसी नेता या अध्यापक द्वारा अपने पावर एवं शक्ति का दुरुपयोग करना यानी दादागिरी करना तथा किसी यातायात पुलिस द्वारा हफ्ता वसूली करना एवं अनैतिक ढंग से रिश्वत लेना।किसी पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति को किसी विशेष नियम का उलंघ्घन करते हुए पकड़ना और रिश्वत लेने का पाप करके उसे छोड़ देना तथा किसी साधारण व्यक्ति को रिश्वत देने के जुर्म में गिरफ्तार करना और बाद में उसी से रिश्वत लेकर के छोड़ देना। इस अव्यवहारिक एवं गिरा हुआ काम को खत्म करूंगा और सर्वजनिक ढंग से लोगों को इन चीजों से स्वतंत्रता दिलाऊंगा ३) धार्मिक विभाग: किसी भी धार्मिक गुरु द्वारा अपने धर्म का गलत व्याख्या करना और धार्मिक नियमों एवं सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए उसकी मान मर्यादा एवं संप्रभुता पर वार करते हुए कटाक्ष करना। धर्म के गलत प्रचार और प्रसार करने वाले लोगों को एवं उसकी मान मर्यादा की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों को सबक सिखाऊंगा। और उन्हें सही पाठ पढ़ा कर के धर्म की सही व्याख्या करने पर बाध्य करूंगा। ताकि प्रत्येक लोग अपने धर्म के ऊपर विश्वास के साथ काम कर सकें।४) शैक्षिक संस्थान: शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का अर्थ, किसी भी विद्यार्थी तथा शिक्षक द्वारा संस्थानिक नियमों एवं सिद्धांतों का उल्लंघन करना। अर्थात मन लगाकर के संस्थानिक कार्यों को सही रूप से ना करना। ऐसे लोगों के विरुद्ध मैं उनमें व्यक्तिगत कटाक्ष करके सही ढंग से काम करने में बाध्य करूंगा। ताकि लोग सही ढंग से पढ़ाई लिखाई का कार्य कर सकें५) आर्थिक व्यवस्था: हमारा देश भारत भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव से ग्रस्त होने के कारण महाशक्ति नहीं बन सकीं।यह बात सत्य है,कि जब हमारा! देश ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्र हुआ उस समय भारतीय मुद्रा यानी रूपया का महत्व अमरीकन मुद्रा यानी डॉलर के स्वरूप था अर्थात एक रूपया बराबर एक डॉलर, पर दुखदाई बात यह है, कि समय के साथ चलती हुई गाड़ी में कुछ ऐसे राजनेता यात्री बनकर आए, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर रहे थे और कर रहे हैं। भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक देश है जहां जनता के द्वारा सार्वजनिक ढंग से सरकार चलाई जाती है,अर्थात राजनितिक व्यवस्था की शुद्ध निरहुआ होती है परंतु आश्चर्यजनक बात यह है, कि इसके राजनेता इसकी सम्पत्ति को जनता की सेवा में कम चुनावी रैलीयों में ज्यादा खर्च करते हैं। वर्तमान समय में कुछ राजनेता ऐसे हैं जो अपने पावर का उपयोग स्वार्थ एवं निजी लाभ में करते हैं यानी राजनीतिक मान-मर्यादा से हटकर अंधे होकर अपने देश में अवैचारिक एवं अनैतिक ढंग से कार्य करते हैं,ऐसे राजनेता अपने देश के प्रति भविष्य में अर्थव्यवस्था खराब करने का जिम्मेवार होंगे। ऐसे उबड़-खाबड़ एवं असहमति अर्थात लूट मार की खा स्थितियों में, मैं आम लोगों के अंदर जागरूकता फैलाउंगा। और लोगों को अपने अधिकार मांगने का सामर्थ्य बनाउंग ६) समाज के भीतर पति पत्नी के बीच चल रही असहमति को खत्म करूंगा। और उन्हें अपने महत्व का सही तस्वीर दिखाकर उन्हें ठीक ढंग से पारिवारिक जिंदगी जीने का तर्क बताऊंगा ७) माता पिता एवं संतान के बीच असहमति का अंत करूंगा। संतान को अपने माता-पिता की महत्वता की सही पाठ पढ़ाऊंगा। और उन्हें उनके आदर्शों का पालन करने में सहायता करूंगा ८) समाज के अंदर चल रही बदतमीजी को खत्म करूंगा ।और हर छोटे बड़े इंसान को अपने बड़ों की प्रतिष्ठा करने का निर्देश करूंगा और अपने से छोटों से प्यार करने का पाठ पढ़ाऊंगा। सपनों की प्राप्ति उन महत्वकांक्षी व्यक्तियों के लिए हैं जो जीवन भर सही दृष्टिकोण एवं सही सोच और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करते हैं। क्योंकि सफलता एवं असफलता मानवीय जीवन का अभिन्न अंग है। इस पर कोई लक्ष्मण-रेखा खींचा नहीं होता, जिस पर निर्भर रहा जाए।कोई व्यक्ति जीवन भर सफल नहीं रहता तथा अजीवन असफल भी नहीं रहता। लिये गये संकल्पों को पूरा करने के लिए कर्म करने की आवश्यकता है ,सफलता पाने के लिए उन कार्यों को करना होगा, जिन्हें एक असफल व्यक्ति करना नहीं चाहता है। सफलता पाने के लिए असफलता से जूझना पड़ता है। इतिहास इस बात पर साक्षी है कि कोई भी महापुरुष बिना असफल हुए सफल नहीं हुए हैं।इसे पाने के लिए कड़ी मेहनत एवं
संघर्ष तथा हर संभव प्रयत्न करने की आवश्यकता पड़ती है।इसे प्रयास करने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना आवश्यक है। इसके अपेक्षा सपनों की प्राप्ति अविश्वसनीय है। एक सफल असफल व्यक्ति के बीच शक्ति की कमी नहीं होती है। अथवा शिक्षा की कमी होती है ।जिसे कारण वह नकारात्मक अवसाद से भयभीत रहता है।अर्थात अपने सपनों को साकार करने की इच्छा नहीं जुटा पाता।
Thanks
@firdaus1998
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